ऐसे करें किडनी इंफेक्शन की पहचान और बचाएं किडनी को खराब होने से

किडनी में इंफेक्शन होने के कई कारण होते हैं। इनमें अनजाने में गंदा या इंफेक्टेड पानी पी लेना, कुछ ऐसा खा लेना जिसमें हार्मफुल बैक्टीरिया पनप चुके हों और हमें पता ना चला हो। साथ ही कई दवाइयों के खाने से हुआ इंफेक्शन भी किडनी को बीमार बना देता है। यहां जानें जब किडनी में इंफेक्शन हो जाता है तो हमारा शरीर कैसे संकेत देता है...


क्यों होता किडनी इंफेक्शन?

§  तेजी से शुगर बढऩा

§  उच्च रक्तचाप

§  एल्कोहल का अत्यधिक सेवन

§  दूषित खानपान

§  अनियमित दिनचर्या

§  अत्यधिक तनाव की स्थिति 

गलत खान-पान के अलावा कई बार ब्लैडर इंफेक्शन और यूरेथ्रा (यूरिन के शरीर से बाहर निकालनेवाली ट्यूब) भी किडनी इंफेक्शन के कारण हो सकते हैं। ऐसे केस में बैक्टीरिया ब्लेडर या यूरेथ्रा में पनपता है और बढ़ते-बढ़ते किडनी तक पहुंच जाता है। 

किडनी इंफेक्शन यूटीआई का ही एक पार्ट माना जाता है। लेकिन यह यूटीआई का गंभीर रूप और परिणाम है। इसलिए किडनी इंफेक्शन को 'कॉम्प्लिकेटेड यूटीआई' भी कहा जाता है।


किडनी इंफेक्शन के लक्षण

§  हाथ-पैरों और शरीर में सूजन

§  सांस फूलना

§  भूख न लगना

§  वजन बढऩा

§  कमजोरी व थकान

§  उल्टी व जी मिचलाना

§  पेशाब में प्रोटीन निकलना

किडनी में होनेवाले ज्यादातर इंफेक्शन का संकेत हमारा शरीर यूरिन के जरिए देता है। यूरिन का रंग, स्मेल और मात्रा या यूरिन पास करने के दौरान होनेवाली असहजता के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि किडनी में इंफेक्श हो गया है। 

लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि किडनी इंफेक्शन के लक्षण केवल यूरिन द्वारा ही पता किए जा सकते हैं। कई बार तेज बुखार और बहुत अधिक सर्दी लगना भी किडनी इंफेक्शन की तरफ इशारा हो सकता है। हालांकि इनके साथ ही अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं।


कमर दर्द और नोज़िया:-

कमर के निचले हिस्से में लगातार हल्का या तेज दर्द बना रहना भी किडनी इंफेक्शन का एक लक्षण हो सकता है। हालांकि यूरिन से जुड़ी दिक्कत लगभग हर अन्य लक्षण के साथ दिखाई देती है।

इसके साथ ही व्यक्ति को मन खराब होना, कुछ खाने की इच्छा ना करना, लगातार ऐसा महसूस होना कि अभी उल्टी आ जाएगी...ये सब भी किडनी इंफेक्शन से जुड़े हो सकते हैं।


यूरिन कलर से पहचानें किडनी इंफेक्शन:-

Ø  अगर आपके यूरिन का कलर साफ और ट्रांसपैरंट पानी की तरह ना होकर धुंधला है और इसे पास करते समय आपको स्मेल भी आ रही है तो यह किडनी इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।

Ø  यूरिन का रंग हल्का गुलाबी या हल्का लाल लगने पर आपको सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि यूरिन के ऐसे रंग का अर्थ है कि आपके पेशाब के साथ मिलकर बॉडी से ब्लड की कुछ मात्रा आ रही है।

Ø  यूरिन का रंग गुलाबी या लाल होना इस तरफ इशारा करता है कि आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में ब्लीडिंग यानी खून का रिसाव हो रहा है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से बात करें।

Ø  यूरिन इंफेक्शन और किडनी इंफेक्शन में यह बहुत ही कॉमन लक्षण है कि इस दौरान व्यक्ति को लगता है कि उसे बहुत तेज यूरिन आ रहा है लेकिन जब वह यूरिन पास करने की कोशिश करता है तो पेशाब नहीं आता। लेकिन पेशाब आने के प्रेशर का अहसास लगातार होता रहता है। 

Ø  यदि कुछ लोगों को बार-बार अहसास होने के बाद पेशाब आता भी है तो इसकी मात्रा बहुत कम होती है और पेशाब करते समय तेज जलन और चुभन होने की समस्या होती है। 


पेल्विक एरिया में दर्द

पेल्विक बोन के ऊपर हिस्सा पेल्विक एरिया कहलाता है। यानी आपकी नाभि के नीचे और प्राइवेट पार्ट के बीच का हिस्सा। जहां शरीर का ऊपरी हिस्सा शरीर के निचले हिस्से के साथ जुड़ता है।

किडनी इंफेक्शन होने की स्थिति में व्यक्ति को पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है तेज भी। कुछ लोगों को यह दर्द अचानक उठता है जबकि कुछ में इंफेक्शन होने के बाद लगातार बना रह सकता है। 


Kidney Treatment in the Ayurvedic Medicine


किडनी की समस्या बढऩे के पांच चरण:-

पहला चरण - किडनी ठीक से फिल्टर करना बंद कर देती है।

दूसरा चरण - यूरिन में प्रोटीन की मात्रा अधिक आने लगती है।

तीसरा चरण - किडनी डिजीज के लक्षण सामने आने लगते है। क्रेटनीन बढऩे लगता है। ब्लड टेस्ट में यूरिया ज्यादा आना व शरीर में खुजली होने लगती है।

चौथा चरण - क्रेटनीन बढ़कर 2-4 हो जाता है। ऐसे में असावधानी मरीज को डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की स्टेज में पहुंचा सकती है।

पांचवां चरण - इसमें क्रेटनीन 4-5 या उससे ज्यादा हो जाता है। फिर मरीज के लिए डायलिसिस या ट्रांसप्लांट ही उपाय बचता है। 


किडनी इंफेक्शन का इलाज

किडनी इंफेक्शन का इलाज आपको डॉक्टर से ही कराना चाहिए बजाय इसके कि आप मेडिकल से दवाइयां लेकर खाएं या घरेलू नुस्खे अपनाएं। क्योंकि आपकी स्थिति कितनी गंभीर है यह डॉक्टर ही बता सकते हैं।

कुछ लोगों की स्थिति किडनी इंफेक्शन के चलते इतनी गंभीर भी हो सकती है कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़े। जबकि ज्यादातर लोगों को प्राइमरी चेकअप के बाद आयुर्वेदिक दवाएं देकर घर भेज दिया जाता है।

आमतौर पर किडनी इंफेक्शन की दवाएं एक सप्ताह तक चलती हैं और व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो जाता है। हालांकि कुछ केस में इसका वक्त बढ़ सकता है। यदि किडनी इंफेक्शन का समय पर इलाज ना कराया जाए तो यह जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है। 

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